हैदराबाद एनकाउंटर मामले की जांच कर रही जस्टिस सिरपुरकर जांच कमेटी को और 6 महीने का समय दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस वीएस सिरपुरकर जांच कमेटी ने जांच पूरा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से समय बढ़ाने की मांग की थी. उन्होंने कोरोना के दौरान आई दिक्कत का हवाला दिया था. कमेटी का कार्यकाल अगस्त में पूरा हो रहा था.दरअसल,हैदराबादएनकाउंटरकोरोनाकेकारणजांचकमेटीकोमिलाऔरमहीनेकासमय कोरोना संकट के चलते हैदराबाद एनकाउंटर मामले की जांच तय समय में पूरी नहीं हो पाई है. पिछले साल 2019 दिसंबर में हुए इस एनकाउंटर की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 12 दिसंबर को तीन सदस्यीय समिति गठित की थी. समिति 6 महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया था.यह छह महीने की अवधि जांच समिति की पहली बैठक से शुरू होनी थी जो कि फरवरी में हुई थी. कमेटी के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस वी एस सिरपुरकर और सदस्यों में सीबीआई के रिटायर्ड निदेशक डी आर कार्तिकेयन और रेखा बालडोटा हैं. जस्टिस सिरपुरकर की उम्र 74 साल है, कार्तिकेयन की उम्र 84 साल है और रेखा बालडोटा 65 साल की हैं.कमेटी के तीनों सदस्य सीनियर सिटिजन हैं जिन्हें कोरोना संकट काल में जांच पूरी करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं. कोरोना संकट काल से पहले जांच के शुरुआती समय में जांच कमेटी को करीब 1400 सौ लोगों के एफिडेविट मिले हैं, जिनमें करीब 1300 लोगों ने हैदराबाद एनकाउंटर को सही बताते हुए पुलिसकर्मियों निर्दोष बताया है.हालांकि, जांच कमेटी के लिए इन सभी एफिडेविट की सच्चाई का पता करने में काफी समय लगना है, जिसकी वजह से कमेटी अपनी जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में तय अवधि में दाखिल नहीं कर पाएगी. इस वजह से जांच कमेटी को और 6 महीने का वक्त दिया गया है.
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